पहली बार पुलिस की देख रेख में बंटा यूरिया खाद

मन्दसौर। जिले में अत्यधिक बारिश के बाद रबी सीजन में किसानों ने गेहूं लहसुन  मेथी अलसी चना की बंपर बोवनी की  जिस कारण रासायनिक खाद यूरिया की मांग भी ज्यादा रही। इसी कारण सोसायटी  मैं यूरिया खाद की गाड़ी आने के बाद  किसानों  महिलाओं एवं पुरुषों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती है  जो हाथों हाथ गोदाम खाली हो जाते हैं । लंबी-लंबी कतारें लगने से कर्मचारी भी भीड़ को नियंत्रण करने में परेशान हो जाते हैं । कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है तो पुलिस का सहारा भी लिया जा रहा है। गुरुवार को संस्था पर यूरिया वितरण के समय किसानों की काफी भीड़ एकत्रित हो गई । पहले यूरिया लेने के चक्कर में किसान आपस में लड़ाई झगड़ा करने में आमदा हो गए ।स्थिति बिगड़ती देख प्रबंधक ने वितरण बंद कर पुलिस का सहारा लिया जब तक पुलिस आई तब तक यूरिया वितरित नहीं किया गया। प्रबंधक ने 20 दिसंबर को यूरिया के समय पहली बार पुलिस का सहारा लिया था,  जिससे सबक लेते हुए गुरुवार को भी  भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलाना पड़ी। इससे पहले सुबह 9:00 बजे से महिलाओं एवं पुरुषों की लंबी कतार लग गई 10:00 बजे बाद प्रबंधक ने कतार में लगे महिला पुरुषों को प्रत्येक किसान को एक कट्टा यूरिया के लिए टोकन वितरित किए ।बारी बारी से यूरिया  वितरण शुरू किया।  किसान पहले यूरिया लेने के चक्कर में हो हल्ला धक्का-मुक्की लड़ाई झगड़ा करने लगे । तब प्रबंधक ने अफजलपुर पुलिस को सूचना दी  तब एस आई बीपी सिंह राजावत ने आकर स्थिति संभाली । उसके बाद शांति से यूरिया वितरण हुआ। सोसाइटी पर भीड़  लगने का एक कारण यह भी है कि हर साल व्यापारी यूरिया का स्टॉक कर लेते व किसानों  की जरूरत के समय महंगे दाम  450 से ₹500 तक प्रति कट्टे के लेते थे। इस वर्ष सरकार एवं प्रशासन ने यूरिया कालाबाजारी पर शक्ति दिखाई ।व्यापारियों के गोदामों पर ताबड़तोड़ छापे डाले तो व्यापारी इस वर्ष किसानों को महंगे दाम पर खाद नहीं बेच सकें । हालांकि कुछ व्यापारी अभी भी महंगे दामों में यूरिया बेच रहे हैं पर प्रशासन की सख्ती के बाद विश्वास पात्र किसानों को ही यूरिया दे रहे हैं। बाजार में यूरिया नहीं होने से सोसाइटी में किसानों की भीड़ लग रही है किसानों के अनुसार यूरिया के लिए दिनभर लाइन में लग रहे हैं पर यूरिया वाजिब दाम ₹270 कट्टे में ही मिल रहा है अन्यथा हर साल तो इस समय ₹450 तक में यूरिया मिलता था । इस वर्ष अच्छी बारिश के बाद तो व्यापारी और भी मौके का फायदा उठाते शासन प्रशासन की सख्ती के बाद हम गरीब किसानों को महंगे दाम पर यूरिया नहीं खरीदना पड़ रहा है । हालांकि इस कारण कई दिनों तक यूरिया नहीं आने से परेशानियां भी हो रही है। संस्था प्रबंधक वीरेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया किसानों की लंबी लाइन लगने के बाद  प्रत्येक किसान को  टोकन वितरित कर दिए  थे। यूरिया पहले लेने के चक्कर में धक्का-मुक्की  हो हल्ला  लड़ाई झगड़े  पर आतुर  हो गए थे। जिस कारण  फिर से पुलिस का सहारा लेना पड़ा। हर साल 10 गाड़ी यूरिया खाद पूर्ति हो जाती थी । इस वर्ष अच्छी बारिश से 11 गाड़ी यूरिया खाद आने के बावजूद किसानों की मांग पूरी नहीं हुई अभी संस्था में तीन गाड़ी यूरिया खाद की ओर आने वाली है।