सर! मैं पत्रकार हूं, दवाई लेने आया हूं ।अच्छा, तुम पत्रकार हो। प्रिंट मीडिया से हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से।सर , वो मैं। तुम्हारा कार्ड दिखाओ । सर कार्ड वो... तुम्हें तो हमने पहले कभी देखा ही नहीं है फिर भी तुम अपने आप को पत्रकार बता रहे हो। सर, वो गलती ही गई। तुमको पता है शहर में कर्फ्यू लगा हुआ है । फिर भी तुम बेवजह बाहर घूम रहे हो अपना कृत्य छुपाने के लिए अपने आप को पत्रकार बता रहे हो ।शर्म आनी चाहिए तुमको । चलो ले चलो इसे गाड़ी में बिठाकर। ऐ, तुम स्कूटी लेकर चड्डे में कहां घूम रहे हो ।कुछ नहीं ऐसे ही में देखने आया था ।क्या देखने आए थे। सर मैं कांग्रेसी नेता का बेटा हूं। अच्छा तुम कांग्रेसी नेता के बेटे हो और चड्डे में घूम रहे हो। बहुत अच्छी बात है लेकिन कोरोनावायरस नेता के बेटे को नहीं पहचानता है ।चलो उतरो गाड़ी से नीचे और कान पकड़कर उठक बैठक लगाओ ।अब गाड़ी यहीं खड़ी करो और पैदल पैदल चलते बनो अपने घर।
मन्दसौर ।कोविड-19 के चलते 3 मई तक देशभर में लग डाउन है पुलिस भी लोगों के हाथ जोड़ जोड़ कर थक गई हैं कि लगदा उनका उल्लंघन मत करो फिर भी कुछ लोग मानने को तैयार नहीं है और बेवजह घरों से बाहर निकल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं कोई फर्जी पत्रकार बनकर लगदा उनका उल्लंघन कर रहा है तो कोई अपने बाप दादा की राजनीति के दम पर नियमों को ताक में रख रहा है लग डाउन के दौरान आज सीएसपी नरेंद्र सिंह सोलंकी के हत्थे बीपीएल चौराहा पर एक फर्जी पत्रकार चडगया बस स्टैंड पर भी एक युवक अपने आप को कांग्रेस नेता का बेटा बता रहा था जिसकी पुलिस ने जमकर लू उतारी और बैठक लगवाकर स्कूटी वहीं खड़ी करवा कर पैदल पैदल घर जाने के लिए कहा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हीरा की बगीची निवासी ऋषभ पिता अशोक पोरवाल डाउन के दौरान सुबह के समय बीपीएल चौराहा पर बेवजह घूम रहा था जब उसे रोका गया और घूमने का कारण पूछा गया तो उसने बताया कि वह पत्रकार हैं और दवाई लेने आया है पुलिस ने जब पास खड़े अन्य पत्रकारों से पूछा कि क्या तुम इसे जानते हो तो पत्रकारों ने मना कर दिया कि हम इसे नहीं पहचानते हैं ऋषभ पुलिस के सामने तरह-तरह के बहाने बनाने लगा और गिराने लगा पुलिस ने उनका उल्लंघन करने पर उसे पकड़ लिया थाना शहर कोतवाली में ऋषभ पिता अशोक पोरवाल के खिलाफ अपराध क्रमांक 012 धारा 188 269 दर्ज किया गया एवं जिले में ऐसे कई फर्जी पत्रकार हैं जिनकी बाढ़ सी आई हुई है ऐसे अनेक फर्जी पत्रकार हैं जो गले में आईडी कार्ड डालकर बाजारों में घूमते रहते हैं यह फर्जी पत्रकार ऊंची पहुंच वाले भी होते हैं और अधिकारियों को भी डराते धमकाते रहते हैं पुलिस को जनसंपर्क विभाग से सभी पत्रकारों की सूची लेकर ऐसे फर्जी पत्रकारों पर कार्यवाही करनी चाहिए जो बेवजह घूम रहे हैं।